लेखनी चलाने वाले भावुक हृदय हम
वक्त आने पर कर वज्र थाम लेते हैं
शक्ति का जवाब शान्ति से नहीं सुनाई देता
हम ऐसे वक्त शक्ति से ही काम लेते हैं
बात अपनी पे व्योम रहते सदा अटल
बढ़ते कदम नहीं विसराम लेते हैं
जनता की एक-एक साँस के अकूत बल
सम्बल से काल का भी हाथ थाम लेते हैं
-डा० जगदीश व्योम
वक्त आने पर कर वज्र थाम लेते हैं
शक्ति का जवाब शान्ति से नहीं सुनाई देता
हम ऐसे वक्त शक्ति से ही काम लेते हैं
बात अपनी पे व्योम रहते सदा अटल
बढ़ते कदम नहीं विसराम लेते हैं
जनता की एक-एक साँस के अकूत बल
सम्बल से काल का भी हाथ थाम लेते हैं
-डा० जगदीश व्योम
1 comment:
बहुत सुन्दर
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